TRIBUTE TO UNSUNG HEROES OF LADAKH , Bhartiya Vidya Niketan School, Lungnak Zanskar
लद्दाख के एटिंग गाँव में ‘क्रांतिधारा’ के दूसरे कार्यक्रम का हुआ आयोजन
आजादी के 75वें अमृत महोत्सव कार्यक्रम की शृंखला में ‘क्रांतितीर्थ-क्रांतिधारा के शहीदों को सलाम’ का दूसरा कार्यक्रम लद्दाख फांडे त्सोग्स्पा, लद्दाख की जांस्कर इकाई द्वारा एटिंग गांव में आयोजित किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर की। कार्यक्रम में फे ब्लॉक के लद्दाख फांडे छोगस्पा के अध्यक्ष सोनम नर्बू ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने कार्यक्रम के उद्देश्य और लद्दाख फांडे छोगस्पा के कार्यक्रमों और सामाजिक प्रयासों के बारे में सभी को जानकारी दी ।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित माननीय कैप्टन फुंचुक वांगडस (सेवानिवृत्त) ने 1999 के कारगिल युद्ध के दिनों को याद करते हुए कहा कि विषम परिस्थितियों में भी भारतीय सेना ने कैसे अपने युद्ध कौशल से पाकिस्तान के दांत खट्टे कर दिए थे। उन्होंने समाज की भागीदारी का उल्लेख करते हुए कहा कि सीमा क्षेत्र के गांवों के लोगों ने हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर निस्वार्थ भाव से सेना की मदद की है ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लद्दाख प्रचारक प्रमीत थे। उन्होंने अपने सम्बोधन में स्वतन्त्रता संग्राम का जिक्र करते हुए कई स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने डॉ केशव बलिराम हेडगेवार के संघर्ष का जिक्र किया और देश की गुलामी के प्रमुख कारण बताये। उन्होंने आगे कहा कि संघ जैसे संगठन यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि देश दोबारा गुलाम न बने। देश को तोड़ने के लिए हर तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं। इन राष्ट्र-विरोधी ताकतों को हराने का एक ही तरीका है और वह है मिलकर काम करना, एकजुट होना और भारत के विकास और ताकत के बारे में सोचना।