समूहगान, एकल गीत एवं नाटक प्रदर्शन
आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशन में सीएआरडीसी यानी सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च ऑन डेवलपमेंट एंड चेंज द्वारा संस्कार भारती के सहयोग से संचालित क्रांति तीर्थ श्रंखला का 14वां आयोजन शनिवार सुबह सरस्वती विद्या मंदिर कमला नगर में किया गया।
श्रीमती सरला भारद्वाज के निर्देशन में चमरौला कांड की घटना पर आधारित नाटक के प्रभावी मंचन के साथ प्रवीन शर्मा के निर्देशन में कक्षा 7 से कक्षा 11 के 40 छात्रों द्वारा समूह गान और एकल गीत की ह्रदय स्पर्शी प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया।
चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है। हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है.. गीत ने देशभक्ति के रंग से माहौल को सराबोर कर दिया।
इस अवसर पर संस्कार भारती के पूर्व अखिल भारतीय साहित्य संयोजक और क्रांति तीर्थ श्रंखला के मंडल समन्वयक राज बहादुर सिंह राज ने क्रांति तीर्थ श्रंखला पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिन क्रांतिकारियों ने देश पर सर्वस्व बलिदान कर दिया, उनकी गौरवगाथा से नई पीढ़ी को देशभक्ति की प्रेरणा प्रदान करना ही इस श्रृंखला का प्रमुख उद्देश्य है।
आरएसएस में रामबाग जिला के सह जिला कार्यवाह देवेंद्र कुमार ने जाने-अनजाने क्रांतिकारियों को प्रकाश में लाने की इस श्रृंखला को सराहनीय बताया।
समारोह का संचालन आचार्य मनोज ने किया। इस दौरान आलोक आर्य, महेंद्र गर्ग, मुरारी प्रसाद अग्रवाल, अंकित जी, बहादुर सिंह, प्रखर अवस्थी, दिलीप परिहार और वरुण कौशिक भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।