चित्रकला प्रतियोगिता (स्वतंत्रता आंदोलन)
आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशन में सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च ऑन डेवलपमेंट एंड चेंज ( सी.ए.आर.डी.सी.) द्वारा संस्कार भारती के सहयोग से आयोजित क्रांतितीर्थ श्रृंखला की कड़ी में दिनांक 1,
मई को सरस्वती शिशु मंदिर, कमला नगर में स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों एवं स्वतंत्रता आंदोलनकारियों पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
कक्षा 3 से 5 तक के 195 छात्र-छात्राओं ने उत्साह पूर्वक सहभागिता करते हुए मां भारती पर सर्वस्व न्योछावर करने वाले शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के आकर्षक चित्र बनाकर सबका दिल जीत लिया। वे चित्र न केवल उन वीरों की पहचान करा रहे थे बल्कि इनमें उनके साहस, देशप्रेम तथा मातृभूमि के लिए त्याग की भावना साफ झलक रही थी।
इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक श्री राज बहादुर सिंह राज ने बच्चों को स्वाधीनता एवं पराधीनता का अन्तर स्पष्ट करते हुए आजादी का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि आजाद रहने के लिए देशभक्ति का भाव बहुत आवश्यक है। आज़ादी का यह महोत्सव मनाने का अवसर एवं सौभाग्य हमें इन महान वीरों के त्याग एवं बलिदान से ही मिला है।
विद्यालय के प्रधानाचार्य रवीन्द्र तिवारी ने कहा कि शहीदों की जन्म स्थल ही आज के तीर्थ स्थल हैं। हमें ऐसे देश भक्तों से प्रेरणा लेनी चाहिए। उनके त्याग और बलिदान को जीवन में उतारना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन प्रसिद्ध एवं प्रख्यात वीरों तथा शहीदों को तो हम सभी जानते हैं परंतु बहुत से ऐसे अनसुने वीर भी हैं, जिनके त्याग एवं बलिदान को भी समान रूप से याद किया जाना आवश्यक है। जैसे वीर राजेंद्र लाहिड़ी जो देश के पहले छात्र नेता बने, जिनकी निर्भीकता एवं देशप्रेम से भयभीत होकर अंग्रेजो ने इन्हे फांसी पर चढ़ा दिया था। ऐसे ही सुने-अनसुने वीरों को याद कर उन्हे श्रद्धांजलि दी गई।
समापन पर सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान कर जलपान वितरित किया गया। नन्दकिशोर जी, प्रखर अवस्थी जी
एवं बडी संख्या में आचार्य उपस्थित रहे। वन्दे मातरम से कार्यक्रम का समापन हुआ।