राम मनोहर लोहिया जी प्रतिमा का माल्यार्पण एवं सम्मान
राम मनोहर लोहिया जी प्रतिमा का माल्यार्पण एवं सम्मान
माल्यार्पण के बाद वक्ताओं ने डॉ. राम मनोहर लोहिया के विषय में अपने विचार उपस्थित लोगों से साझा किये । डॉ. लोहिया मानवता के पक्षधर और अंतःकरण से पूर्ण समाजवादी थे। समाज ही उनका कार्यक्षेत्र था जिसे वह जनमंगल की अनुभूतियों से परिपूर्ण करना चाहते थे।उनका हमेशा ये उद्देश्य रहा कि मनुष्यों के बीच कोई भेद, दूरियां या फिर किसी प्रकार की दीवार न रहे। सब जन समान हो, सब जन का मंगल हो। उन्होंने सदा ही विश्व-नागरिकता का सपना देखा था। वह मानव-मात्र को किसी देश का नहीं बल्कि विश्व का नागरिक मानते थे। जनता को वह जनतंत्र का निर्णायक मानते थे। स्वतंत्र भारत की राजनीति और चिंतन धारा पर जिन गिने-चुने लोगों के व्यक्तित्व का गहरा असर हुआ है, उनमें डॉ. राममनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण प्रमुख विशेष रहे। भारत के स्वतंत्रता युद्ध के आखिरी दौर में उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही है।