श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रतिमा का माल्यार्पण एवं उनका सम्मान
10 मई को फिरोजाबाद शास्त्री मार्केट, सदर बाजार में आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वाधान में सी. ए. आर. डी. सी व संस्कार भारती के संयोजन के माध्यम से राष्ट्र जागरण का पर्व क्रांतितीर्थ की कड़ी में श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रतिमा का माल्यार्पण एवं उनका सम्मान किया गया। इस अवसर पर उपस्थित जनों को यह संदेश दिया कि हमें इनके बलिदान को नहीं भूलना चाहिए ।
स्वाधीनता संग्राम के जिन आंदोलनों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही उनमें 1921 का असहयोग आंदोलन, 1930 का दांडी मार्च तथा 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन उल्लेखनीय हैं। वक्ताओं ने उनके उच्च आत्म-सम्मान और नैतिकता के साथ एक उच्च अनुशासन के बारे में विभिन्न प्रसंग रखें जैसे कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने कार नहीं रखी। शास्त्रीजी को उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिए उन्हें श्रद्धापूर्वक याद किया गया । इस अवसर पर अनुग्रह गोपाल अग्रवाल, रमेश चंद्र बंसल, संजीव जैन, प्रवीन अग्रवाल (सेवा सदन) रवि शंकर छिब्बर, मयंक सारस्वत, शैलेश अग्रवाल, उमेश गुप्ता, कृष्ण मुरारी अग्रवाल, विकास चंद्र बंसल, हरिओम वर्मा, रविंद्र कुमार बंसल, अर्पित चित्रांश, नरेंद्र बंसल, उद्देश्य तिवारी ,हरिओम अरोरा, दयाशंकर गुप्ता, प्रवीन अग्रवाल आदि उपस्थित रहे ।