Remembering Unsung Heroes, Krantiteerth, Bageshwar
क्रांतितीर्थ कार्यक्रमों की एक शृंखला मात्र नहीं है, अपितु ये एक अभियान है उन बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने का जिन्होंने अनेक कष्ट सहे, अपना जीवन, अपना सर्वस्व देश की स्वतंत्रता के लिए, स्वराज की, स्वधर्म की भावना के लिए समर्पित कर दिया, फिर भी वे इतिहास के पृष्ठों में अनाम रह गए, अल्पज्ञात रह गए। इसी अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशन में सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च ऑन डेवलोपमेंट एंड चेंज तथा संस्कार भारती के सहयोग से क्रांतितीर्थ' श्रृंखला का अयोजन 15 जुलाई को उत्तराखंड के कुमायूं स्थित बागेश्वर में सेमिनार आयोजित किया गया,बलिदानियों के इस नमन समारोह में 22 शहीद नायकों की वीरांगनाओं एवं वीर सैनिकों को सम्मानित करने के दौरान उनके योगदान को याद करके सभी की आंखें नम हो गई।
वरिष्ठ पत्रकार अभिताभ ठाकुर ने गुमनाम एवं अल्पज्ञात सेनानियों के विषय में विस्तार से चर्चा की। अभिताभ ठाकुर ने कहा कि यह दुर्भाग्य से इतिहास लेखन में सैकड़ों सेनानियों के योगदान पर ध्यान ही नहीं दिया गया। लेकिन क्रान्तितीर्थं श्रृंखला के अंतर्गत गुमनाम और अल्पज्ञान स्वतंत्रता सेनानियों के विषय में जनता को अवगत कराया जा रहा है। समारोह की अध्यक्षता डॉ हेमचन्द्र दुबे ने की। इस अवसर पर समारोह की आयोजन समिति के संयोजक कैलाश अण्डोला और सह-संयोजक हरीश सोनी के साथ ही सीएआरडीसी के प्रदीप डबराल भी उपस्थित थे।
जानकारी हो कि देश को ब्रिटिश सत्ता से मुक्त करने के लिए हजारों वीर सिपाहियों और क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की भेंट चढ़ा दी। लेकिन उन्हें इतिहास के पृष्ठों में स्थान नहीं मिला। ऐसे सेनानियों के योगदान को आम जनता के सामने लाने का बीड़ा उठाया है केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय और सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च ऑन डेवलपमेंट एंड चेंज (सीएआरडीसी) ने 'आजादी के अमृत महोत्सव' के अवसर पर क्रान्तितीर्थ श्रृंखला का आयोजन संस्कृति मंत्रालय एवं सीएआरडीसी द्वारा गुमनाम एवं अल्पज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को सामने लाने के लिए पूरे देश में किया जा रहा है।
सम्मानित किए गए नायकों से जुडी महत्वपूर्ण जानकारियों के जानने के बाद उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गई। क्रान्तितीर्थं नमन समारोह में जिला अध्यक्ष इंद्र सिंह, महामंत्री संजय परिहार, आशीष घपोला, राजेंद्र सिंह, कुलदीप कर्मयाल, तारा शंकर पाठक, रमेश असवाल सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।